जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी, गांव अतरहट अउर नरैनी ब्लाक का गांव पौहार। इं गांवन के मड़ई महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना ( मनरेगा) के तहत होय वाले काम का लइके परेशान हैं। कतौ मजदूरी नहीं मिलत तौ कतौ मजदूरन का काम जे. सी. बी. मशीन मा दिखावा जात है।
अतरहट गांव के नत्थू अउर सावित्री बतावत है-“हम कुंवार के महीना मा पचासन मजदूर बरदानी के खेत से डाड़े बाबा तक सेक्टर मा खन्ती खोदा रहै। वहिमा से हमार दुई जने के बीच मा दुई सौ खन्ती रहै। मजदूरी का रूपिया अबै तक नहीं मिला आय। यहिसे हम 17 दिसम्बर 2013 का तहसील दिवस मा दरखास दीन हैं। संतोष कहत है मैं भी पचासी खंती खोदै हौं, पै मजदूरी के नाम एकौ रूपिया नहीं मिला आय। फूलकली, भोली, अउर कल्ली बतावत हैं कि हम गरीब मड़ई इनतान के धूप मा खंती खोदा है। अब मजदूरी खातिर तहसील अउर प्रधान के चक्कर लगावत हन।” अतरहट प्रधान श्रीराम कहत है कि मड़ई तौ एक दिन मा दुई खंती खोद लेत है, पै सौ दिन काम के हिसाब से ही हाजिरी चढ़त है। छह दिन मा छह हाजिरी चढ़त हैं। एक दिन के काम का एक सौ बयालिस रूपिया मजदूरी मिलत हैै। यहिसे एक दिन भी ज्यादा हम काम नहीं करा सकत हन।
तिन्दवारी बी. डी. ओ. ओ. पी. शुक्ला कहत है कि गांव मा मजदूरन के मजदूरी अगर परी है, तौ जांच कराई जई। अगर मजदूरी परी है, तौ अगले साल मा चढ़ा के रूपिया दीन जई। पौहार गांव के राजकरन, गोपाल कहत हैं कि हम जून 2013 मा लमेहटा सम्पर्क मार्ग मा मनरेगा के तहत साठ मजदूर खंती खोदा रहै। मजदूरी अबै तक नहीं मिली आय। यहिसे सबै मजदूर 17 दिसम्बर 2013 का अतर्रा तहसील मा दरखास दीन हैं। अगर हम पंचायत मित्र अउर प्रधान से मजदूरी मांगत हन तौ पंचायत मित्र कहत है कि जे. सी. बी. मशीन से काम भा है। प्रधान छेदी लाल का कहब है कि लेवर से काम करव है पै पंचायत मित्र जे. सी. बी. मा चढ़ाये है, तौ कसत मजदूरी मिली। नरैनी बी. डी. ओ. राम किसन कहत हैं कि वा लेवर से भा है। अउर पंचायत मित्र मशीन से कराइस है तौ वहिका भुगतान न होई।
मजदूरी न मिलै तौ काम के तलाश
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