जिला बांदा, ब्लाक तिनदवारी, गांव भवनीपुर अउर खौंड़ा। इं एक कइत शासन प्रशासन या समय मनरेगा के काम मा बहुतै जोर शोर का बढ़ावा दें का वादा करे है, तौ दूसर कइत सूखा अउर दैवीय आपदा के मार झेल रहे इं दूनौ गांवन के गरीब किसान अउर मेहनत मजदूरी करैं वाले लोग कतौ मजदूरी न मिलैं से परेशान है, तौ कतौ गांव मा काम न मिलैं से लोग गांव छोड के परिवार सहित पेट खातिर परदेश जाय का मजबूर हैं।
भवनीपुर गांव के सुरेखन बाबू लाल अउर पहलवान का कहब है कि उई जुलाई 2015 मा मनरेगा के तहत खंती खोदैं का काम कीन रहै। जेहिके मजदूरी पावैं खातिर आज जक भटकत हन। हम गरीब लोग महेनत मजदूरी के सहारे ही आपन घर परिवार चलावत हन। अगर इतने इतने दिन मजदूरी न मिली तौ घर खर्च चलावब अउर पेट भरब मुश्किल पर जई।
यहिनतान खौंड़ा गांव के रामपाल, छेदीलाल अउर रामलाल का कहब है कि या साल का जइसे आकाल कउनौ साल नहीं परा आय। हमरे गांव से लगभग 25 घर परिवार सहित परदेश चले गे हैं। अब हमभी जात हन। गांव मा गरीब लोगन के घरन मा एक समय के रोज मुश्किल परी जात है अउर गांव मा कउनौ काम भी नहीं मिलत आय। यहिसे अब हम लोग परिवार सहित परदेश जात हन। अगर गांव से बाहर रहिबे तौ पेट भर खाना तौ मिली। गांवन मा एक तौ काम नहीं मिलत। अगर काम मिला तौ मजदूरी का छह छह महीना भटकैं का परत है।
तिन्दवारी बी.डी.ओ. ओ.पी. शुक्ला का कहब है कि ब्लाक स्तर से 16 फरवरी का 20 लाख रूपिया मजदूरन के खाता मा डाला गा है। एक हप्ता के भीतर पहुंच जई। मनरेगा का काम हर गांव मा जोरन से चलत है। अगर कउनौ गांव के लोग कहत हैं कि काम नहीं चलै तौ झुइ है।
मजदूरी न मिलैं अउर गांव मा काम के कमी से परेशान लोग
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