कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। राज्य के 224 विधानसभा सीटों पर 12 मई को वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे सामने आएंगे।
कर्नाटक दक्षिण का एक बड़ा राज्य है। यहां के नतीजे इसलिए मायने रखते हैं क्योंकि इसके बाद कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अगले ही साल इस समय लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार जोरों पर होगा।
बीजेपी ने लगभग एक साल पहले ही इस चुनाव की तैयारी शुरू करते हुए बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया था। कुछ ही दिन बाद इस बात का ऐलान कर दिया गया कि येदुरप्पा के नेतृत्व में ही बीजेपी चुनावी मैदान में उतरेगी।
लिंगायतों की कई सालों से अपने लिए अलग धर्म की मांग रही थी। जिसे मानते हुए सिद्धारमैया सरकार ने उनको अलग धर्म की मान्यता देने वाले प्रस्ताव को केंद्र के पास भेज दिया है। इस कदम से उन्होंने बीजेपी के एक बड़े वोटबैंक में काफी तरीके से सेंधमारी कर दी है। राज्य में 17 प्रतिशत लिंगायत मतदाता है।
राज्य में 15वें फाइनेंस कमिशन को लेकर कर्नाटक में मुद्दा यह बनाया गया है कि इसके माध्यम से केंद्र की बीजेपी सरकार की कोशिश है कि दक्षिण के राजकोषीय संतुलन को बिगाड़ दिया जाए। चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ जरूर इस्तेमाल करेगी।
राज्य में कांग्रेस का चेहरा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ही है। सिद्धारमैया बीजेपी के सबसे बड़ी चुनौती हैं। वो संकेतों की राजनीति करने के साथ-साथ बीजेपी की हर रणनीति का तोड़ अपने तरीके से निकाल रहे हैं।
कर्नाटक में येदुरप्पा के सरकार के समय राज्य के लिए अलग झंडे की मांग उठी थी। सिद्धारमैया ने संकेतों की राजनीति करने में बीजेपी को पछाड़ कर राज्य के लिए नए झंडे की मंजूरी दे दी। राज्य का आधिकारिक झंडा बनाने के लिए उन्होंने प्रस्ताव को केंद्र के पास भेज दिया है।
इन दो पार्टियों के अलावा एक मुख्य पार्टी जनता दल सेकुलर (जेडीएस) भी है। पूर्व प्रधानमंत्री की एचडी देवगौड़ा की इस पार्टी पिछले चुनावों में बीजेपी से भी ज्यादा वोट मिले थे। इस बार जेडीएस बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में हैं। जेडीएस का प्रभाव राज्य के लगभग 50 सीटों पर है।
2013 में हुए विधासभा चुनावों में कांग्रेस को 36।53 वोट प्रतिशत के साथ 122 सीटें, बीजेपी को 19।89 वोट प्रतिशत के साथ 44 और जेडीएस को 20।19 प्रतिशत वोट के साथ 40 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके एक साल बाद हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने मोदी लहर में राज्य की 28 सीटों में से 17 पर जीत दर्ज की थी, कांग्रेस के खाते में 9 सीट और जेडीएस को 2 सीटें मिली थी।
राज्य की कुल जनसंख्या 6।4 करोड़ हैं। जिसमें 4।9 करोड़ वोटर हैं। युवा मतदाताओं की तादाद 15।4 लाख है। कर्नाटक में 84 फीसदी हिंदू, 12।92 फीसदी मुसलमान, 1।87 फीसदी ईसाई और 0।72 प्रतिशत जैन हैं।