उत्तर प्रदेश में सांसदों और विधायकों को ‘सशक्त’ करने के लिएराज्य के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश पारित किए हैं, जिसमें सभी सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं से मिलने और इनके सम्मान के लिए नियम बनाये गये हैं।
इसके साथ यह भी आदेश दिया गया है कि इन नियमों का पालन न करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निर्देश के अनुसार, यूपी सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को जनप्रतिनिधि (सांसद व विधायकों) के सम्मान में खड़े होने का आदेश दिया है। मुख्य सचिव द्वारा अधिकारियों को भेजे गए पत्र के अनुसार, जनप्रतिनिधि के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में आते समय और वापस जाने पर अधिकारियों को शिष्टाचार के साथ खड़े रहना चाहिए।
अब सोचने वाली बात ये है की मंत्रियों को अपने काम से सम्मान मिलना चाहिए, या इसतरह के नियमो के पालन से?