नई दिल्ली। अमेरिका, जापान, चीन के बाद अब भारत भी मंगल ग्रह के रहस्यों को जानने के अभियान में जुट गया है। लेकिन भारत के लिए मंगल ग्रह तक पहुंचने का सफर इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि भारत ने पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह में अपना उपग्रह स्थापित कर दिया है।
उपग्रह, यानि ऐसी मशीन जो अब इस ग्रह के बारे में भारत के वैज्ञानिकों को सारी जानकारियां देगी। यहां का वातावरण कैसा है? मिट्टी कैसी है? क्या यहां भी लोगों के रहने लायक माहौल है? इससे पहले अमेरिका, जापान और चीन अपने उपग्रह यहां पर स्थापित कर चुके हैं। लेकिन इन देशों को मंगल तक पहुंचने के लिए कई बार कोशिशें करनी पड़ी थीं।
भारत ने जहां साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च करके यह सफलता पाई, वहीं दूसरे देशों ने हज़ारों करोड़ रुपए इस अभियान में खर्च किए थे। 5 नवंबर 2013 से शुरू होकर 24 सितंबर 2014 को अभियान पूरा हुआ।