पिछले कई वर्ष से पूर्व अंतरराष्टीय हॉकी खिलाड़ी झारखंड के गोपाल भेंगरा की वित्तीय मदद कर रहे पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने 19 मार्च को यहां जेएससीए स्टेडियम में उनसे मुलाकात कर मिलने की वर्षों पुरानी हसरत को पूरा कर दिया।
वर्ष 1978 के ब्यूनस आयर्स में खेले गए चौथे हॉकी विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले भेंगरा ने गावस्कर से मिलकर उन्हें मदद के लिए शुक्रिया अदा किया। यह नजारा देखने लायक था। दोनों की आंखें सारी भावनाओं को बयां कर रही थीं। दोनों एक दूसरे से मिलकर अभिभूत थे।
बता दें, गावस्कर की तरफ से भेंगरा को कई सालों से साढ़े सात हजार रुपए की मासिक आर्थिक सहायता दी जा रही है। झारखंड के खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड के उचुर गांव के रहने वाले भेंगरा वर्ष 1975 से 1985 तक देश के लिए हॉकी खेलते थे। पश्चिम बंगाल राज्य हॉकी टीम के कप्तान भेंगरा ने वर्ष 1986 में शारीरीक कारणों से हॉकी खेलना छोड़ दिया था और गांव लौट आए। सेना में नौकरी करने के बावजूद भी किसी कारणवश भेंगरा को पेंशन नहीं मिली। वर्ष 2000 में एक पत्रिका में खबर प्रकाशित हुई कि भेंगरा जीविकोपार्जन के लिए पत्थर तोडऩे का काम कर रहे हैं। गावस्कर को तब यह जानकारी मिली तो उन्होंने भेंगरा को मदद करने की ठान ली। गावस्कर की कंपनी प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप भेंगरा समेत अन्य अभावग्रस्त खिलाडिय़ों को मदद कर रही है।
भेंगरा को जब यह पता चला कि गावस्कर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच की कमेंट्री करने के लिए रांची आए हैं तो वह गावस्कर से मिलने और उन्हें धन्यवाद देने के लिए यहां जेएससीए स्टेडियम पहुंचे। जहाँ गावस्कर के सामने आते ही भेंगरा ने उनके पांव छू लिए। तब गावस्कर ने उन्हें तत्काल उठाया और कहा, यह मेरे लिए गौरव का क्षण है कि आप जैसे महान खिलाड़ी से मिल पा रहा हूं। आप आज मेरे मेहमान हैं। आराम से मैच देखिए। दोनों खिलाड़ियों की आंखें नम थीं। इस अवसर पर भेंगरा ने एक शॉल देकर गावस्कर को सम्मानित किया, वहीं गावस्कर ने उन्हें भारतीय टीम की जर्सी दी।