लखनऊ। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए ली गई ज़मीन के लिए किसान 12 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें कम मुआवज़ा देकर उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन हथियाई जा रही है। किसानों की मांग है कि उन्हें मुख्यमंत्री के पैतृक गांव सैफई के किसानों के बराबर ही मुआवज़़ा मिले।
सैफई के किसानों को एक करोड़ बीस लाख से लेकर एक करोड़ पच्चीस लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवज़ा मिल रहा है। किसानों का कहना है कि अक्टूबर में जब इनसे ज़मीन लेने की बात कही गई थी, तब इटावा में ज़़मीन का भाव पचास लाख प्रति हेक्टेयर था, लेकिन अब सरकार उन्हंे बीस लाख प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सड़क के किनारे की ज़मीन और रिहायशी इलाके की ज़मीन के लिये पन्द्रह लाख प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवज़ा दे रही है। तीन हज़ार किसान इससे प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि किसानों की सहमति से ज़मीन ली गई थी।
भूख हड़ताल पर किसान
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