उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जातीय हिंसा के मामले में जेल में बंद हिंसा के मुख्य आरोपी भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर उर्फ रावण पर लगी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की अवधि को तीन माह के लिये जिला प्रशासन ने बढ़ा दिया है।
इस बारे में चन्द्रशेखर के अधिवक्ता हरपाल सिंह ने एन अंग्रेजी अख़बार को बताया कि रासुका की अवधि 3 फरवरी को समाप्त हो रही है, लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने रासुका की अवधि को तीन माह के लिये बढ़ा दिया है।
इससे भीम आर्मी से जुड़े लोगों में खासी नाराजगी हैं। वह जल्द ही गुजरात के हाल में जीते विधायक जिग्नेश मेवानी से संपर्क कर इसका विरोध दर्ज कराने की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
बता दें कि बीते साल सहारनपुर में जातीय हिंसा हो गई थी जिसमें एक महीने तक जिले में तनाव रहा था। भीम आर्मी संगठन के संस्थापक चंद्रशेखर को प्रशासन ने हिंसा का मुख्य आरोपी मानकर उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। हिंसा के बाद ही चंद्रशेखर जेल में बंद हैं। उनको तीन मामलों में जमानत मिल चुकी हैं। बाकी में जमानत हासिल करने की कोशिश की जा रही हैं। डीएम सहारनपुर की रिपोर्ट पर चंद्रशेखर के खिलाफ रासुका लगा दिया गया था जिसे लेकर भीम आर्मी ने विरोध जताया था।
पुलिस, खुफिया विभाग और प्रशासन की तरफ से हाल ही में एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी कि चंद्रशेखर के जमानत पर बाहर आने से फिर से कानून व्यवस्था खराब होने का खतरा पैदा हो सकता है और फिलहाल जेल में रहना ही ठीक रहेगा।
सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर के जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है कि इस रिपोर्ट के बाद यूपी के गृहविभाग ने चंद्रशेखर पर तीन माह के लिए रासुका का अवधि बढ़ी दी हैं।