संयुक्त राष्ट्र (यू एन) की शरणार्थी संस्था यू एन एच सी आर ने कहा है कि शरणार्थियों के लिए सबसे उदार देशों में भारत शामिल है, जहां शरणार्थियों के सुरक्षा और रोज़गार का समुचित ध्यान रखा जाता है।
यू एन एच सी आर ने कहा कि भारत शरणार्थियों को शरणार्थी कार्ड देने की बजाय उन्हें दीर्घकालीन वीज़ा प्रदान करता है और भारत विभिन्न समुदाय के लोगों के प्रति सहनशील है।
यू एन एच सी आर वैश्विक रुझान रिपोर्ट के अनुसार, अपने देशों में उत्पीड़न और हिंसक संघर्ष से भाग कर केवल एक साल में ही करीब 6.53 करोड़ विस्थापित हुए हैं। साल 2015 के यह आंकड़े विस्थापितों का नया रिकॉर्ड हैं।
सीरिया और अफगानिस्तान के संकटपूर्ण हालात ने 2015 में रिफ्यूजी और आंतरिक विस्थापन के शिकार हुए लोगों की तादाद में रिकॉर्ड इजाफा किया है। एक साल पहले 2014 में 6 करोड़ विस्थापितों के साथ दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए थे। साल 2015 के आखिर तक दर्ज हुए आंकड़े उसके भी पार पहुंच गए।
पिछले साल हर मिनट औसतन 24 लोग विस्थापित हुए यानि हर दिन करीब चौतीस हज़ार लोग। ठीक दस साल पहले 2005 में यह आंकड़ा हर मिनट केवल 6 लोगों का था। 2011 में सीरिया युद्ध शुरु होने के समय से ही वैश्विक विस्थापन में 50 फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। आधे से ज्यादा रिफ्यूजी केवल तीन देशों सीरिया, अफगानिस्तान और सोमालिया के हैं।
रिपोर्ट की एक और बेहद चिंताजनक बात यह रही कि 2015 के कुल विस्थापितों में आधे से अधिक बच्चे थे। इनमें से कई अपने अभिभावकों से बिछड़ चुके थे। ऐसे अठानवे हज़ार चार सौ अकेले बच्चों का शरण लेने के लिए अनुरोध दर्ज हुआ है।