राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार 2015 तक के दशक में, देश में डायरिया से मरने वाले शिशुओं की संख्या में 52 प्रतिशत तक कम हुई हैं। नवजात शिशु से 5 साल तक के बच्चों में स्वच्छता और साफ जल की उपलब्धता के कारण ये बदलाव आया है, लेकिन अभी भी देश में 9.2 प्रतिशत डायरिया का फैलाव बना हुआ है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार मौतों में कमी का कारण इलाज में सुधार है, हालांकि कुछ ही पीड़ित बच्चों को भोजना और तरल पदार्थ में सुधार किया गया है।
मृत्यु दर में सुधार के बावजूद, अभी भी पांच साल से कम उम्र के भारतीय बच्चों में मौत के प्रमुख कारण दस्त रहा है। 2015 में रोजाना 321 बच्चों की मौत दस्त के कारण हुई है।
2015 में, कुल मौतों में से 5 वर्ष से कम उम्र के भारतीय बच्चों में दस्त के कारण होने वाली मृत्यु की हिस्सेदारी 10% रही है। यह आंकड़े प्रति व्यक्ति कम आय वाले देश जैसे कि म्यांमार में 7 %, केन्या में 7 % और पाकिस्तान में 9 % से उच्च है।
लेख साभार: इंडियास्पेंड