जम्मू कश्मीर। 3 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर राज्य के इलाकों में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी शुरू हुई। खबरों के अनुसार शुरुआत पाकिस्तान की ओर से हुई थी। 3 अक्टूबर को उत्तर भारत में स्थित जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले की एक सत्रह साल की लड़की मारी गई। इसके बाद भारतीय सेना ने 6 अक्टूबर से जवाबी हमले शुरू किए।
एक ही हफ्ते में स्थिति गंभीर हो गई जब दोनों तरफ सेनाओं की गोलीबारी में आम लोग मारे गए। जम्मू कश्मीर के कई इलाकों के गांवों के लोगों को अपने घर भी खाली करने पड़े। अब तक भारत में सात लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान के नौ लोगों के मारे जाने की खबर है।
इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित जम्मू कश्मीर की सीमा तले कई जिले इस गोलीबारी से प्रभावित हैं। सीमा पर तैनात बार्डर सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के अनुसार राज्य के डेढ़ सौ गांवों में पाकिस्तान की गोलियां गिरी हैं।
भारत के रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अगर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी होगी तो भारत को मजबूरन जवाब देना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने इस गोलीबारी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जब चीन के राष्ट्रपति भारत में थे तब भी चीन और भारत की सेनाओं के बीच तनाव था और मोदी ने कुछ नहीं किया था। जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मामले को राजनीतिक नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने सेना पर लड़ रहे जवानों की तारीफ भी की।