भारत से ताल्लुक रखने वाली प्रियंका योशीकावा 5 सितम्बर को मिस यूनिवर्स जापान चुनी गईं। लेकिन यह ऐलान होते ही एक नया विवाद शुरू हो गया। उनके चुने जाने के बाद नस्ली समानता को लेकर जापानियों के बीच बहस शुरू हो गई।
सोशल मीडिया पर उनकी जीत के लिए कहा गया- “हाफु (आधी) की बजाए प्योर (पूरी) जापानी को यह कॉम्पिटीशन जीतना चाहिए था। इस शब्द का इस्तेमाल मिश्रित नस्ल को लेकर किया जाता है।
बता दें कि 2015 में मिस यूनिवर्स जापान रही अरियाना मियामोतो को अश्वेत महिला होने की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। यह दूसरा मौका है, जब हाफ-गर्ल ने यह खिताब जीता है।
योशीकावा का जन्म तोक्यो में हुआ था। उनके पिता भारतीय हैं जबकि मां जापानी हैं। उन्होंने जापान में नस्ली पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा, ”हम जापानी हैं…हां, मैं आधी भारतीय हूं और लोग मुझसे मेरी नस्ली शुद्धता के बारे में पूछते हैं…हां, मेरे पिता भारतीय हैं और मुझे इस पर गर्व है, मुझे गर्व है कि मेरे अंदर भारतीयता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जापानी नहीं हूं। ”
धाराप्रवाह जापानी और अंग्रेजी बोलने वाली 22 साल की योशीकावा अब दिसंबर में वाशिंगटन में होने वाले मिस वर्ल्ड खिताब के लिए जाएंगी।