खबर लहरिया वेब स्पेशल भारतीय महिला क्रिकेट टीम: निराशा के बीच आशा को खिलता देख रही है.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम: निराशा के बीच आशा को खिलता देख रही है.

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी ट्वेंटी -20 विश्व कप 2016 के सेमीफ़ाइनल मैच में वेस्टइंडीज से हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। मगर जिस भावना के साथ टीम ने अपना प्रदर्शन दिया वो टीम को आगे ले जाने के लिए शुभ संकेत दे रहा है।

टीम की कप्तान मिताली राज ने मोहाली में वेस्ट इंडीज से मैच हारने के बाद कहा, “हालांकि हम सेमीफाइनल तक नहीं पहुँच पाए लेकिन जिस तरह से लड़कियों ने पिछले तीन मैचों में अपना शानदार प्रदर्शन दिया और टीम जिस तरह से वापस फॉर्म में आई है मुझे उस पर बहुत गर्व है, खेल में झिझक होती है लेकिन दबाव के साथ खेलने से आगे के लिए बेहतर अनुभव भी मिलता है।’’

वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलते हुए भारतीय टीम 3 रनों से हार गई थी. पाकिस्तानी टीम के खिलाफ खेलते हुए मौसम ने उनका साथ नहीं दिया और बारिश की वजह से वे 2 रनों से हार गयीं थीं। इंग्लैंड की टीम से भारतीय टीम ने अच्छी टक्कर ली लेकिन अंत में 2 विकेट के गिरने से हार गई।

इन मैचों के दौरान भारत की कमजोर बल्लेबाजी और सुस्त फील्डिंग का खुलासा भी इन मैचों में देखने को मिला। मिताली राज ने स्वीकार करते हुए कहा कि ‘‘यह हमारे लिए अच्छा टूर्नामेंट नहीं रहा | बल्लेबाजी में आपसी सहभागिता की कमी नजर आई| लेकिन ये टी-20 है जहां सिलसिलेवार रहना बहुत मुश्किल होता है. यहाँ ऊँच-नीच चलती रहती है.”

mithali-raj-171x300ऑस्ट्रेलिया को उसी के मैदान में और श्रीलंका को रांची में हराने के बाद, भारत की टीम इस टूर्नामेंट में एक ज़बरदस्त फॉर्म के साथ उतरी थी. ऑस्ट्रेलिया की जीत को इन मैचों से तुलना करना सही नहीं होगा क्यूंकि वहां की परिस्थिति बहुत अलग थी| आगे के लिए हमें योजना बना कर अपनी रणनीतियों पर काम करना है और साथ ही हमारी हमारी टीम को फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा ताकि फील्डिंग के दौरान भाग सकें.

राज का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाने की वजह से कई लोग यहाँ मैच देखने आये. वहां हमारे ऊपर ज्यादा दबाव नहीं था लेकिन यहाँ बहुत दबाव था. जिसकी वजह से काफी तनाव बना रहा. अपने ही देश में इतने शहरों में खेलना, उनके चारों मैचों को टीवी पर लाइव दिखाना और मीडिया से इतना ध्यान मिलना हमें मुश्किल में डाल देता है, हम अधिक दबाव में आ जाते हैं.

2013 में भी टीम पर बढ़ते दबाव के कारण हमारे हाथ से विश्व कप रह गया था. इस हार से हम निराश नहीं हैं बल्कि हमें 2017 के विश्व कप के लिए नई आशा मिली है. इस सीरिज में रही कमियों को आने वाले विश्व कप में हम दूर करने का प्रयास करेंगे.

 

लेख साभार: विस्डेन इंडिया