पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भाजपा से अलग हो गये हैं, उन्होंने कहा कि वह अब ‘ देश में लोकतंत्र बचाने के लिए काम करेंगे। सिन्हा ने कहा , ” भाजपा के साथ मेरा लंबा संबंध रहा है। आज मैं भाजपा के साथ अपना संबंध खत्म कर रहा हूं।
भाजपा से अलग होने के ऐलान के साथ ही यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे।
सिन्हा द्वारा गठित ‘ राष्ट्रीय मंच द्वारा आज विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें आम आदमी पार्टी , समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ”मैं इस मंच से घोषणा कर रहा हूं कि चार साल पहले मैंने चुनावी राजनीति छोड़ी थी और आज मैं दलगत राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं अब किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं बनूंगा”।
जनता दल में बिखराव के बाद सिन्हा भाजपा में शामिल हो गए और जून , 1996 में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाये गए। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे।
सिन्हा ने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। इस चुनाव में उनके पुत्र जयंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग सीट से भाजपा के टिकट पर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। जयंत सिन्हा मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री भी थे।
भाजपा से अलग हुए यशवंत सिन्हा, कहा- देश खतरे में हैं
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