विलक्षण प्रतिभा की धनी जर्सी नंबर 6 धारक दीप्ति शर्मा, पहली युवा महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने मृदुभाषी, प्यारी मुस्कान के स्वभाव के साथ शानदार खेल खेलते हुए आने वाले भविष्य में क्रिकेट में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना ली है।
आगरा की रहने वाली 19 साल की दीप्ति शर्मा एक हरफनमौला खिलाड़ी हैं। दीप्ति ने दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में वेस्ट इंडीज के खिलाफ श्रृंखला जीत कर महिला क्रिकेट का अभिन्न अंग बन गयी हैं।
बेहद ईमानदारी के साथ विज़डन इंडिया को बताते हुए वह बताती हैं कि “मेरा खेलने का तरीका एकल और युगल दोनों तरह से ही स्ट्राइक रोटेट करता है। जब मैं एक ढीली गेंद फेंकती हूँ तो उस पर मुझे रन मिलते हैं”।
वह आगे कहती हैं, “लेकिन जब मैं मैदान में गेंद के लिए बनाये गये निशानों के अनुसार गेंद फेंकती हूँ तो कमाल हो जाता है।” मेरी कोच जो हमें सीखाती हैं (पूर्णिमा राव) और मिट्ठू दी (मिताली राज, कप्तान) ने कहा है कि मुझे निशान पर ही गेंद डालनी चाहिये ताकि हमें विकेट मिल सके।
कम उम्र मे महिला क्रिकेट टीम का सदस्य होने के साथ-साथ दीप्ति के नाम सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी होने का गौरव भी प्राप्त है। साथ ही अब वे आस्ट्रेलिया दौर के लिए चुनी गयी टीम मे भी शामिल हो गयी हैं।
दीप्ति का परिवार अवधपुरी, शाहगंज में रहता है। उनके पिता एसबी शर्मा रेलवे से सेवानिवृत्त हैं और मां सुशीला शर्मा सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। दीप्ति सात भाई-बहनों में सबसे छोटी है। उनके भाई सुमित शर्मा ने बताया कि दीप्ति नौ साल की उम्र में पहली बार मैदान पर गई थी।
वह ‘एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम’ में साधना करने जाते थे, और एक दिन दीप्ति भी उनके साथ गई, उसको गेंद फेकते हुए हेमलता काला (भारतीय महिला क्रिकेट टीम की चयनकर्ता) ने देखा और कहा कि वह अच्छी खिलाड़ी बन सकती है।
इसके बाद सुमित दीप्ति को साधना के लिए ले जाने लगे और आज दीप्ति उस मुकाम पर है, जो उनका सपना था। दीप्ति कहती हैं “बहुत साल खेलना है इंडिया के लिए।”
साभार: विसडेन इंडिया