जिला बांदा। चार साल से सूखा ओला अउर दैवीय आपदा के बोझ तरे दबे किसान अब उबरैं का नाम नहीं लेत आय। गरीब किसानन का तौ फेर भी सरकार चार चार दरकी मुआवजा दई चुकी है, पै जिले के तहसीलन मा बड़े किसान जउन दस बीघा से ऊपर हैं।
नरैनी ब्लाक, गांव सौता। राजाभइया यादव, शिवचरन अउर हरिशंकर का कहब है कि हम लोग दस बीघा के ऊपर वाले किसान आहिन। पिछले साल अप्रैल अउर मई के बीच नौ-नौ हजार रूपिया मुआवजा बारिश से फसल खराब होय का मिला रहै। अब एक साल होइगे शासन स्तर से हम लोगन का कउनौ ध्यान नहीं दीन जात आय।
सीताराम गुप्ता का कहब है कि चार साल से किसान बराबर दैवीय आपदा, ओला अउर या साल तौ सूखा के कारन एक दाना पैदा नहीं भा आय। इनतान के मार झेलत गरीब किसान होय या बड़े कास्तकार सब के घर खर्च बराबर है, तौ बड़े किसानन का मुआवजा काहे नहीं दीन जात आय। बैंक अउर लेखपाल के चक्कर लगा लगा के परेशान हन। यहै खेती के सहारे पढ़ाई लिखाई, शादी ब्याह अउर घर खर्च चलत रहै। या साल तौ इनतान के स्थिति पैदा होइगे है कि बड़े किसानन का नाम भर रही गा है।
नरैनी तहसीलदार राजेश कुमार मिश्र कहिन कि केन्द्रीय टीम जांच कइके बुनदेलखण्ड के हालत जानिस है। अब या दरकी बड़े कास्तकार किसानन का भी मुआवजा मिली।
रिपोर्टर – गीता