गौरैया गांव में सरकार की तरफ से बोर हुआ था। जो अच्छेलाल आहिरवार के सामने हुआ है, जिससे अक्षयलाल बोर में ताला लगाये हुए है और गांव वालों का कहना है कि ये सारा पानी अपने खेतों की सिंचाई में खर्च करता है, लेकिन ये बोर गांव सप्लाई के लिए हुआ था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।
रमेश का कहना है कि पूरे साल में लगभग चार दिन पानी मिलता है और कहता है कि नब्बे रुपिया का ताला मैंने लगाया है। जब पानी पीने को नहीं मिलता है तो ये बोर किस काम का? इसको उखाड़कर लें जायें। कुसुम ने बताया कि गोड्डी कसहड़ी रख देते हैं, तो फेक देता है। हम लोग कहते हैं कि यहाँ चलाओ, तो कहता है कि यहां नहीं चलेगा वही नहाओं और वही से पानी ले जाओं। पता नहीं है कि, उसको क्या समस्या होती है, जिससे वो सरकारी बोर में ताला लगा देता है। कभी इधर से तो कभी उधर से पानी लाते हैं। कौशल ने बताया कि सरकारी बोर में ताला लगा देता है, सरपंच से कहते है तो सरपंच कहता है कि लड़ाई झगड़ा नहीं करो।
कार्यपालन यंत्री एस.के.जैन का कहना है कि कोशिश करेंगे कि तीन दिन में सुधर जाये। जाँच के दौरान सुधरवा दिया जायेगा।
Uploaded on May 4, 2018