उत्कर्ष जायसवाल जिम टेलर का कहब हवै कि 16,17,साल की उम्र मा बहुतै शौक रहा हवै। मैं बचपनै से बॉड़ी बनावै का काम करत रहे हौं। आठ, नौ महीना पहिले मैं हिंया जिम खोले हौं। पच्चीस,तीस बच्चा हिंया हवैं। जेहिमा कुछ बच्चा वजन बढ़ावे के खातिर अउर कुछ बच्चा आपन वजन घटावै के खातिर आवत हवैं। मैं यहिके पहिले तीन चार दरकी जिम कइ चुके हौं। फेर यहिके बाद आनलाइन डाइटिंग कार्यक्रम फालों कीने हौं। अगर कउनौ मध्य स्तर से तीन चार महीना जिम करत हवै, तौ वा मड़इ बहुतै कुछ जिम के बारे मा बहुतै कुछ जानैं लागत हवै। जेहिका दिक्कत होत हवै ड़ाइट प्लानिंग मा वहिका देखै का पड़त हवै अउर ज्यादा कोर्ष देखै का पड़ता हवै। अगर कउनौ दूबर-पातर लड़का हवै तौ वहिका मस्क्युलर बनावै खातिर अउर दूसर ड़ाइट प्लानिंग, कउनौ का कउनौ चीज से कमजोरी हवै। वहिका एलर्जी होत हवै या उनका वजन नहीं बढ़त आय न तौ घटत आय। मोट मड़इन का पातर करै का वेट्लांस प्रोग्राम, ड्राईट्रिप्स सीखावा जात हवैं।
अमित सिंह बताइस कि छह महीना से सीखत होइगे हवैं। मैं सब कुछ सिख गये हौ। जइसे कि छाती अउर कंधा के बारे मा सिख गये हौ। आदित्य नारायण का कहब हवै कि लगभग तीन महीना से सीखत होइगे हवैं। मैं बॉड़ी बनावै के खातिर हिंया आये हौं अउर मोरे बॉड़ी मा अंतर देखात हवैं।
रिपोर्टर: सुनीता देवी