जिला वाराणसी। अब लगता है कि जल्दी ही बनारस और आस पास के क्षेत्र के बुनकरों के अच्छे दिन लौटने वाले है। वजह है प्रधानमंत्री मोदी के हाथों नींव पड़े बुनकर केन्द्र फिर से शुरू हो जाना। लालपुर में बुनकरों के लिए बनने वालें सेंटर का काम एक बार फिर से शुरू हो गया है। नई कंपनी ने एनबीसीसी ने काम शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी रैलीयो में बुनकरों को खूब लुभाए थे और चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली बनारस यात्रा में उन्होंने बनारसी बुनकरों को सौगात भी दिया। सौगात में उन्होंने बुनकरों के लिए एक ऐसी जगह जहां से बुनकर अपने सामान को बेचकर अपने रोजगार को आगे बढ़ा सकेंगे। इस सेंटर को बनाने के लिए पहले पचास लाख फिर बाद में 147 करोड़ रूपए कर दिया गया। ताकि एक ऐसा जगह बनाए जा सके जहाँ से बनारस के हैंडीक्राफ्ट और बनारसी बुनकरों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सके। इसके लालपुर में जमीन भी ले ली गई। बुनकर अपने अच्छे दिन लौटने की उम्मीद कर ही रहे थे कि तब सब धूमिल नजर आने लगा जब आठ महीने के बाद भी वहां काम शुरू नहीं हो सका था। अब कार्य करने वाली संस्था को बदल कर ये काम एनबीसीसी को सौंप दिया गया है। और एनबीसीसी ने काम करना शुरू भी कर दिया है। 2017 तक सेंटर तैयार होने की संभावना है। एनबीसीसी के एजीएम सोहन लाल ने बताया कि ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर की जिम्मेदारी अभी एनबीसीसी को भारत सरकार ने दी है। यहाँ काम शुरू कर दिया गया है। करीब 2017 तक सेंटर तैयार हो जाएगा।
ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर का काम शुरू होने से एक बार फिर से बनारस के बुनकरों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। लल्लापुर के मोबीन, सलीम और तैयब बताते है कि सेंटर बन जाने से हम लोगों को थोड़ा आराम हो जाएगा। हम वहां पर जाकर अपने सामान को बच भी सकते हैं। और भी तरह तरह के चीजों के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी। सरैया के अजीम बताते हैं कि सेंटर खुलने से कम से कम ये तो रहेगा कि हां ये जगह हम बुनकरों के लिए है।
एक तरफ जहाँ बुनकरो के लिए लालपुर में ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर काम शुरू हो गया है वहीं दूसरी तरफ बनारस के चैकाघाट बुनकर केन्द्र में भी एक बार फिर से बड़े पैमाने पर काम होना शुरू हो गया है। केन्द्रीय कपड़ा मंत्री संतोष कुमार ने बताया कि विदेशी कंपनी हमारे साथ काम करने आ रही है। मंत्रालय की तरफ से जल्दी ही बनारस में हाथ से बने हुए कपड़ो का फैषन शो होगा।
चैकाघाट के बुनकर केन्द्र में अब एक ऐसा सिस्टम होगया है जिससे बुनकर घर बैठे अपने सामान का आर्डर दे सकते हैं । बुनकर अपनी समस्याओं को भी आनलाइन दर्ज करा सकते है।
सरकार की तरफ से काम होना तो शुरू हो गया है लेकिन ये तो वक्त ही बताएगा कि क्या बुनकरों को बुनियादी सुविधा मिल पा रही है कि नहीं। या तो सारी योजनाएं कुछ दिन चलने के बद फिर ठण्डे बस्ते में चली जा रही हैं ।
बुनकरों के लिए एक साल बाद, फिर आये अच्छे दिन
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