बुदेलखंड के बांदा अउर चित्रकूट जिला मा बाढ़ आवै का बाद से हेंया का मड़ई अब या समय डायरिया, मलेरिया अउर टाइफाइड के बीमारी से झूझै के खातिर मजबूर हैं। जिला अस्पताल मा इनतान के मरीजन खातिर नीक दवाई अउर सुविधा के खातिर अस्पताल के डाक्टर कउनौ ध्यान नहीं देत हैं। अब या बात सउहें आवत है कि का बस नाम खातिर सरकारी अस्पताल जिला मा हैं। अगर सरकार इलाज के सेंत मा मरीजन खातिर हरतान के सुविधा कीने है तौ फेर काहे का मरीज दर-दर भटकत फिरत हैं। अगर लोगन के लगे प्राइवेट अस्पताल मा देखावै खातिर रुपिया है तौ मरीज का इनतान के सरकारी अस्पताल मा मड़ई काहे का लइके जइहें कि हुंअा सुविधा नहीं मिलै। दुसर बात सरकार जननी सुरक्षा योजना के तहत बच्चा पैदा कारावै वाली औरतन खातिर पलंग अउर महिला डाक्टर के कमी का भी खतम करै खातिर कोशिश नहीं करत है। यहिसे लागत है कि सरकार बस हर योजना का बिना सोचे समझे योजना का बनावत रहत है। काहे से कि सरकार के योजनन का लाभ लें खातिर लोगन के गोड़ के एड़ी तक घिस जात है, पैं उनके खातिर सरकार के बस पांच साल सोचत सोचत गुजर जात हैं। यहिसे सरकार का या भी पलट के देखैै के जरूरत है कि कहां का चलत है।