लखनऊ। बुंदेलखंड में पुरातत्व विभाग को बड़ा खजाना मिल गया है। मोटे तौर पर विभाग का आंकलन है कि इस खजाने की कीमत चार हजार करोड़ होगी। हालांकि अभी ठोस रिपोर्ट सौंपनी बाकी है।
विभाग को खुदाई के दौरान बुंदेलखंड में खनिज और धातुओं का भंडार मिल गया है। विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार झांसी, जालौन, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट और ललितपुर जैसे सात जिलों में खनिज और धातुओं के भंडार मिले हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी सोने के खजाने का पता विभाग को लगा है। जियोलॉजी एंड माइंस डायरेक्ट्रेट के निदेशक भास्कर उपाध्याय ने बताया कि हमें बुंदेलखंड और सोनभद्र में सोने के भंडार मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड में केवल सोने और प्लेटिनम के भंडार नहीं, बल्कि हजार करोड़ रुपए के पोटाश, एस्बेस्टस और सिलिका जैसे औद्योगिक खनिज भी पाए गए हैं। सबसे ज्यादा कीमत का भंडार झांसी में मिला है।
उन्नाव में नहीं मिला सोना
लखनऊ। उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में सोना नहीं मिला। हां, वहां कुछ टूटे खिलौने टूटी, चूड़ियां, घरेलू सामान और हड्डिायां जरूर मिलीं हैं। अब तक पंद्रह फीट की खुदाई की जा चुकी है। यहां पर 20 अक्टूबर से खुदाई शुरू हुई थी। उन्नाव के पास रहने वाले साधू शोभन सरकार ने दावा किया था कि डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श के किले के पास एक हजार टन सोना दबा पड़ा है। उन्हें ये बात अपने सपने में पता चली थी। बाबा ने कहा था कि पंद्रह फीट की गहराई के बाद सोना मिलेगा। ये बात केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत तक पहुंची। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी। इसके बाद पुरातत्व विभाग ने फटाफट यहां खुदाई शुरू कर दी।