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बुंदेलखंड में पानी का मतलब है लम्बी दूरी

रहिमन पानी राखियेबिन पानी सब सून पानी गये  ऊबरेमोती, मानुष, चून॥ रहीम के इस दोहे में भले पानी का अर्थ अलग-अलग हो लेकिन बुंदेलखंड में पानी से अर्थ सिर्फ प्यास से है, जो यहां की प्यासी जमीन से जुड़ा हर इंसान जानता है। गिरता भूजल का स्तर गांवों में हैंडपंप और कुएं को सूखा रहा है। इस ही कारण से उत्तर प्रदेश के बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 1 हजार 500 करोड़ रुपये और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यकम के लिए 120 करोड़ रुपय आवांटित किए गये हैं।

पर बजट में आवांटित धन पानी की समस्या को दूर करने के लिए नाकाफी है। महोबा जिले के चरखारी ब्लॉक के पाठा गांव में पानी की समस्या इतनी बढ़ गई कि वहां के लोगों ने 6 अप्रैल 2018 में विधायक राकेश गोस्वामी का घेराव किया। लोगों के अनुसार यहां के सभी हैंडपम्प बिगड़े हुए हैं और लोगों को लम्बी दूरी तय करने के बाद पानी लाना पड़ रहा है। यहां के रहने वाले रामकुंवर के अनुसार पानी के लिए लम्बी लाइन लगी होने के कारण वह काम पर ठीक समय से नहीं जा पाते हैं।

ये तो बात पानी के लिए लम्बी दूरी तय करने की थी। लेकिन बांदा के बल्लान गांव के लोग तो हैंडपंप से दूषित पानी पी रहे हैं। गांव की अनूपा सिंह कहती हैं कि हैंडपंप पानी तो दे रहा है, लेकिन गंदा और बदबू से युक्ति पानी है। वह आगे कहती हैं कि इस हैंडपंप ने एक साल ही साफ पानी दिया उसके बाद गन्दा, हमनें प्रधान से शिकायत की इसकी लेकिन कुछ नहीं हुआ।

वहीं चित्रकूट के सरैया ग्राम पंचायत के मजरा घाटी के लोग 2 किलोमीटर चलकर पानी ला रहे हैं, इस मजरा में हैंड पंप और टंकी की कमी नहीं है, लेकिन सब सूखे और बिगड़े पड़े हैं। गांव की गीता देवी कहती हैं कि रोज की जरुरत का पानी तो लाते ही हैं, पर आज घर में शादी है, तो सब लगे हैं पानी भरने में। शादी के समय पानी की जरुरत भी ज्यादा हो जाती है, साथ ही इनकी परेशानी भी। जहां पानी की कमी का ये हाल है, तो वहीं पन्ना जिले के सिरस्वहा बांध के किनारे बसे इंटवां गांव के लोग बांध से पानी छोड़े जाने से सहमें में हैं। पिछले साल गांव में बांध का पानी भर गया था, जिसमें कई लोग बह गये थे, साथ ही लोगों क्र घर और सम्पदा भी नष्ट हो गई थी जिसका मुआवजा भी नहीं मिला है। साथ ही लोगों को डर है कि इस साल भी कहीं ये पानी उनके लिए बर्बादी न ला दे।

ये हाल है बुंदेलखंड में पानी का, कहीं सूखे से बर्बादी तो कहीं बांध का पानी बर्बादी ला रहा है। हालाँकि सरकार बजट का हिस्सा भी यहाँ लोगों को कोई राहत नहीं दे रहा। लोग पानी जैसी मूल आवश्यक जरूरत के लिए लम्बी दूरी तय कर रहे हैं और अपनी जरूरत के पानी को कम के कम खर्च कर रहे हैं.  

भीषण गर्मी में पानी के लिए मीलों भटक रहे सरैया ग्रामपंचायत के मजरा घाटी के लोग
हैंडपंप से निकलते दूषित पानी को क्यों पीने को मजबूर हैं बांदा जिले के बल्लान गाँव के लोग
महोबा जिले के पाठा गांव में बिन पानी सब सून
क्या इस बार भी बाँध के पानी में डुबकी लगाएगा पन्ना जिले का इंटवां गाँव

 

साभार: अल्का मनराल