जिला चित्रकूट, बांदा अउर महोबा। बुन्देलखण्ड के मड़ई रोजगार खातिर हर साल पलायन करत हवैं। घर परिवार अउर आपन मड़इन से रोजगार खातिर जायें का मजबूर हवैं, काहे से इं मड़इन का आपन गांव मा मजदूरी नहीं मिलत आय।
चित्रकूट के जितेन्द्र अउर सीताराम का कहब हवै कि हिंया व्यवसाय के कमी हवै यहै कारन मड़इन का काम नहीं मिलत आय। हिंया फैक्ट्री चालू होइ जात तौ मड़इन का बाहर न जायें का पड़त। आपन घर गांव मा रहि के आपन परिवार पाल सकत रहैं। बांदा के दिनेश सिंह का कहब हवै कि खेती मा कुछौ पैदा नहीं होत आय कत्तौ बाढ़ तौ कत्तौ सूखा के समस्या से गरीब किसान अउर गरीब होत चला गा। रोजगार का दूसर साधन न होय के कारन किसान बाहर जायें का मजबूर हवैं।
महोबा के रामबाई बताइस कि कबरई के आधे मड़ई पत्थर का काम करत रहैं, पै अब पत्थर का काम बन्द होय से मड़ई सूरत अउर दिल्ली भाग गे हवैं।
बाईलाइन-खबर लहरिया व्यूरो
25/10/2017 को प्रकाशित