भारत में पिछले दस सालों में साल 2014 ग्रामीण मजदूरों के लिए उनकी आर्थिक आय के लिहाज से सबसे बुरा रहा है। सालाना मजदूरी वृद्धि बीते साल लगभग चार प्रतिशत दर्ज की गई। साल 2011 में यह सबसे ज़्यादा बीस प्रतिशत थी।
यह जानकारी श्रमिकों की आर्थिक आय का ब्यौरा रखने वाली संस्था श्रमिक ब्यूरो डेटा से मिली। 2013 में नवंबर के महीने में प्रति दिन की औसत मज़दूरी दो सौ छप्पन रुपए थी जबकि इस बार यह दो सौ छाछठ रुपए हुई। साल 2005 में मनरेगा जैसी योजना चलाई गई थी। ऐसे में ग्रामीण मज़दूरी बढ़ने की दर में बहुत ज़्यादा कमी आना ऐसी योजनाओं की समीक्षा करने की ज़रूरत की तरफ इशारा देते हैं।
बीता साल ग्रामीण मज़दूरी बढ़ाने में रहा धीमा
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