21 अक्टूबर का बांदा महोबा रोड मा बीज न मिलै के कारन किसान जाम लगाइन है। किसानन का कहब है कि चना मसूर अउर सरसों के बोआई का समय भी निकला जात है पै बीज नहीं मिला हैं। तबै बांदा के एस डी एम बीज देवावै का भरोसा दिहिन अउर जाम खुलवाइन।
किसान सभा जीत बताइस कि तीन दिना से ब्लाक के चक्कर लगाइस हन। चार लाख का चना रखे है पै बीज खातिर नहीं देत है। सूखा का पइसा भी नहीं मिलत आय। गरीब किसान कसत बीज खरीदे।
दिनेश कुमार शुक्ला का कहब है कि चार साल से सूखा पड़ा है। किसानन के घर का चूल्हा तक नहीं जलत आय। न घर चलावे खातिर रुपिया नहींआय। तौ येत्ता महंगा बीज कहां से खरीदबैं। चना 10 हजार कुन्तल अउर मसूर 7 हजार रुपिया कुन्तल मिलत है। हम तो एक एक रुपिया खातिर तरसित हन।
लालू बताइस कि हम 15 किलोमीटर दूरी माधवपुर गांव से 6 मड़ई पैदल आये है। शाम तक ब्लाक मा भूखे पियासे बइठ रहेन। ब्लाक प्रभारी कहत रहै शाम के बीज मिल जइहैं। पै उंई शाम के बिना बीज दिये चले गये। तबै रात भर रास्ता मा पड़े रहेन। सुबेरे फेर से बीज के लाने गयेन। तौ ब्लाक प्रभारी कहत रहै कि रुपिया से बीज मिली। हम गरीब किसान कहां से येत्ता रुपिया पाई कि बीज खरीदी।
अपर कृषि अधिकारी नाथूरामका कहब है कि हेया साढ़े तीन लाख किसान हैं। गरीब किसान का प्राथमिकता दीन जात हैं। नियम है कि एक दरकि बीज ले के बाद किसान तीन साल तक बीज नहीं लइ सकत है। किसानन का 50 प्रतिशत अनुदान मिलत हैं।
25/10/2016 को प्रकाशित