सरकार कइत से आवास खातिर कइयौ योजना चली हवै पै या योजना कागज बस मा पूर होत देखाई देत हवै। यहिनतान का हाल हवै चित्रकूट जिला के भौरी गांव का। हिंया के मड़इन का अबै तक आवास नहीं मिले तौ गरीब मड़ई टूट-फूट कच्चे घर मा रहै का मजबूर हवैं।
रानी बिट्टी का कहब हवै कि कच्चे घर मा पानी भर जात हवै तौ गिर जात हवै। गिरिजा बताइस कि हम तीन दरकी फार्म भरे हन पै हमें आवास नहीं मिले आहीं। हिंया बन्दर बहुतै लागत हवै यहै कारन चियारे मा जार रख देइत हवै। हम कउनौतान बसर करित हवै। कोयली देवी का कहब हवै कि दुई-तीन दरकी फार्म भर चुके हन पै हमें आवास नहीं मिले आहीं। शक्तिलाल का कहब हवै कि टूट-फूट घर मा रहि के बसर करित हवै, का करी हमें आवास नहीं मिलत, बरसात के मौसम मा रातभर हिंया-हुंवा खटिया सरकावत रहित हवै।
प्रधान प्रतिनिधी सन्तोष कुमार अवस्थी का कहब हवै कि हिंया छह सौ तिरालिस आवास आये हवै जेहिमा से दुई सौ बन गें हवैं। कुछौ मड़इन के आवास का अबै रुपिया नहीं आवा आय।
रिपोर्टर- राधा