बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी(बीएचयू) के एमए के राजनीति विज्ञान के पेपर में ये 15 नंबर के दो ऐसे सवाल आये जिन्हें देखकर छात्र भड़क गए।
यह सवाल थे– कौटिल्य के अर्थशास्त्र में जीएसटी के नेचर पर एक निबंध लिखिए? वैश्वीकरण के बारे में बताने वाले मनु पहले भारतीय चिंतक थे। विवेचना कीजिए?
छात्रों का कहना था कि ‘प्राचीन और मध्यकालीन भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विचार‘ संबंधित कोर्स में इस तरह के सवाल कैसे आ सकते हैं।
हालांकि इन सवालों को बनाने वाले प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने एक अंग्रजी अख़बार से कहा, ”मैंने इन विचारकों के दर्शनों को आधुनिक उदाहरणों जीएसटी और वैश्वीकरण के संदर्भों में पूछा था। इन उदाहरणों को छात्रों के समक्ष पेश करने का यह मेरा तरीका था। तो क्या हुआ यदि ये किताबों में दर्ज नहीं है? क्या ये हमारा काम नहीं है कि पढ़ाने के नए तरीके खोजे जाएं?”
इस संबंध में विभाग प्रमुख आरपी सिंह ने प्रोफेसर मिश्रा के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि ये सवाल सिलेबस के बाहर के नहीं थे। उन्होंने कहा, ”यह तो संबंधित टीचर पर निर्भर करता है कि वह अपने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सवालों को पेपर में शामिल करे। कोई भी टीचर अपनी विशेषज्ञता से बाहर के सवालों को नहीं लिखता, वह वही लिखता है जो वह पढ़ाता है।”