पटना, बिहार। बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा। इसका फैसला 20 फरवरी को होना था। लेकिन 19 फरवरी को मौजूदा मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। उनका कहना है कि विधानसभा में स्वच्छ परंपरा का पालन नहीं हो रहा है। उनका यह भी कहना है कि उनके विधायकों को धमकाया जा रहा है। मांझी के अनुसार उनके पास बहुमत है। हालांकि जब तक नीतीश अपना बहुतम नहीं साबित कर देते तब तक तक मांझी मुख्यमंत्री रहेंगे।
मांझी के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधायकों को खरीदने की पूरी कोशिश की गई। सफलता नहीं मिली तो हार के डर से इस्तीफा दे दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मांझी के साथ भारतीय जनता पार्टी थी।
बिहार विधानसभा में दो सौ तैंतालिस सीटें हैं, अभी दो सौ तैंतिस विधायक हैं। जबकि दस सीटें खाली हैं।
जदयू – एक सौ ग्यारह सीटें
राजद – चैबीस सीटें
कांग्रेस – पांच सीटें
भाकपा – एक सीट
निर्दलीय – पांच सीटें
भाजपा – सत्तासी सीटें
जदयू को मिला विपक्ष का दर्जा
पटना, बिहार। बिहार राज्य में भारतीय जनता पार्टी को विपक्षी पार्टी का दर्जा नहीं मिला है। विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चैधरी ने 18 फरवरी को यह दर्जा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को दे दिया है। भाजपा को उम्मीद थी कि राज्य में विपक्ष का दर्जा उसे ही मिलेगा। क्योंकि वह वहां के मौजूदा मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को समर्थन दे रही है। हाालांकि अभी इस बारे में औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।