जिला बाराबंकी, ब्लॉक हैदरगढ़, गाँव लोनी। इस गांव में रहने वाले राम सिंह उर्फ़ खलीफा यहाँ की संस्कृति को जीते और लोक-गीत गाते हैं। पेशे से किसान और शौकिया रूप से गायक राम सिंह को गाँव का हर व्यक्ति खलीफा बिरहा गायक के रूप में जानता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए खलीफा बताते हैं कि जब हम 22-23 साल के थे तभी से हमने गाना शुरू किया। हम जो गाते हैं उसे बिरहा कहा जाता है, वो गायकी जो खुद के लिखे से, खुद ही गाई जाती है। इसमें गाँव भर के किस्से-कहानी, पूर्वजों के किस्से, राम-सीता के आगमन, शादी-ब्याह, वनवास आदि गा कर सुनाया जाता हैऔर हमारा जहाँ से भी बुलावा आता है वहां हम गाने जाते हैं।
खलीफा की पत्नी राधा का कहना है कि हमें उनका गाना बहुत पसंद है। अक्सर मैं उनका गाना सुनती हूँ। गाँव के लोग-बाग़ भी इन्हें इनकी गायकी की वजह से ज्यादा जानते हैं।
गांव के निवासी राम प्यारे खलीफा के अच्छे मित्रों में से एक हैं। इस बारे में उनका कहना है कि मुझे खलीफा का ‘हरी चंद का बिरहा’ भक्ति गीत, बेहद पसंद हैं।
वही गांव निवासी पंचन दास का कहना है, मैं पिछले 18 सालों से खलीफा की गायकी सुन रहा हूँ। उनका गाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। गाँव में जहाँ भी उनका गाने का कार्यक्रम होता है या जहाँ भी खलीफा गाने जाते हैं, वहां हम भी सुनने के लिए जरुर जाते हैं।
रिपोर्टर- फिजा और नसरीन
Published on Feb 28, 2017