चित्रकूट जिला मा पन्द्रह दिन से बिजली करमचारी धरना मा रातौ दिन बइठ हवैं। पै आज तक प्रशासन उनकर सुनवाई नहीं करत आयें।करमचारिन का कहब हवै कि हमका पिछले आठ-आठ महीना से वेतन नहीं मिली आये हम कसत आपन पेट भरी। बच्चन का, का खवई? अउर खुद का खई? हमार जिला का अधिकारी हमरे वेतन के कागज मा साइन नहीं करत आय।यहै से हम चाहे मर जई पै धरना बंद ना करबै।या धरना मा कइयौ करमचारी बीमार भी होई चुके हवैं, पै हम अपने मा अटल हन जबै तक वेतन न मिली तबै तक हम हिंया पटेल चौराहा से आपन धरना ना हटइवै। ना बिजली का काम करबै चाहे जउन होई जाये।
चित्रकूट जिला के बिजली के या समस्या का ताजा ताजा उदाहरण या हवै कि 12 फरवरी 2018 के रात तेज बारिस के कारण एलायसी आफिस के लगे का बिजली का खम्भा गिरगा है जेहिसे कईयों गलियन मा बिजली नहीं आया या कारण विभागन का कम रुका पडा हवै। पै बिजली कर्मचारी कहत हवैं कि जबै तक हमार मांग न पुर होई हम कम मा वापस न अईबै।
योगी सरकार का इं बिजली करमचारि अउर जनता के समस्या के बारे मा नहीं पता लाग होई का? या जिला के प्रशासन सोवत हवै का? जबै कउनौ घटना घट जई तबै धरना खत्म होई? या कर्मचारिन के सुनवाई होई? उई कसत काम करिहै बिना रुपिया के? आपन परिवार का सुविधा देइहै बिना वेतन के? कहां हवैं सरकार काहे नहीं इनकर सुध लीन जात आय?