जिला बांदा। भारत में बिजली हर बीतते दिन के साथ और अधिक महंगी होती जा रही हैं। बिजली कटौती व इनवर्टर पर निर्भरता, लोगो को अधिक और बेहतर विकल्पों की तरफ आकर्षित कर रही हैं। इन्ही विकल्पों में से एक है सोलर प्लेट्स जिसकी मदद से घर के पंखा, कूलर, बल्ब आदि बिना बिजली के भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
बांदा जिले में सोलर प्लेट से चलने वाले इलेक्ट्रोनिक बैट्री उपलब्ध है जिससे गांवों में भी उजाला लाया जा रहा है।
आइये जानते हैं…
संदीप कुमार गुप्ता चार साल से सोलर लाइट की दुकान चला रहे हैं। वह बताते हैं कि हमारे पास छोटे और बड़े, दो तरह प्रकार के सोलर प्लेट्स उपलब्ध हैं।
ज्यादातर छोटे सोलर प्लेट्स की ही बिक्री होती है। 50 वोल्ट से 20 ऐम्पीयर की बैट्री चार्ज हो सकती है और 60 वोल्ट से 30 ऐम्पीयर की बैट्री चार्ज होगी। सोलर प्लेट जितनी बड़ी होगी उतनी ही ज्यादा ऐम्पीयर की बैट्री चार्ज होगी। जितनी बड़ी बैट्री होगी उतनी ज्यादा सर्विस भी देगी। उतना ही बैकअप पंखा, टीवी को मिलेगा।
सोलर से सबसे अधिक लाभ गांव के लोगों को होता है। गांव में जहाँ घंटों लाइट नहीं आती वहां मोबाइल चार्जिंग और बल्ब आदि के लिए यह बेहद उपयोगी हैं।
सोलर प्लेट्स को आंधी तूफान से बचाने के लिए मजबूती से बांध कर रखना चाहिए, बच्चों के पहूंच से दूर रखें ताकि बच्चें पत्थर न मार पाएं।
इसकी समस्या यह है कि इसकी मरम्मत नहीं करायी जा सकती। लेकिन 25 साल की गारंटी कंपनी के तरफ से आती है।