जि़ला बांदा, ब्लाॅक महुआ। लोकसभा चुनाव को बीते अभी करीब डेढ़ साल गुज़रे हैं। जि़ला पंचायत चुनाव चल रहे हैं। प्रधान पद के लिए चुनाव अगले महीने से शुरू होने हैं। 2017 में विधानसभा चुनाव भी हैं। मगर इस गांव के लोगों की करीब आधी आबादी बिना पहचान पत्र के है। पिछले करीब दस सालों से इन लोगों ने किसी चुनाव में वोट नहीं डाले। कई बार सर्वे के दौरान बीएलओ से पहचान पत्र बनवाने के लिए नाम लिस्ट में चढ़वाया गया। पर पहचान पत्र आज तक नहीं बने।
गांव में पचपन साल के हनीफ और बशीर बताते हैं कि हम लोगों ने 10 साल से किसी भी तरह के चुनाव में अपना मतदान नहीं दिया। इसके पहले जब वोट पड़ा करते थे तब पहचान पत्र नहीं मांगे जाते थे और हम लोग वोट भी डालते थे। चवालिस साल के रफीक, पैंतिस साल के इमामी, तेइस साल के अजमेरी और इब्राहिम कहते हैं कि पिछली पंचवर्षी से सरकार ने यह नियम लागू किया था कि लोगों के पहचान पत्र देखे गए थे और हम लोग बिना वोट डाले ही रह गए। तब से आज तक पहचान पत्र बनवाने को लेकर परेशान हैं। बाइस साल के वसीम और इक्कीस साल के वकील का कहना है कि पहचान पत्र न होने से हम लोगों के वोट डालने के अलावा और भी कई कामो में रूकावट आती है। जैसे हम लोगो को परदेस जाने के लिए टिकट कराना है, बैंक में खाता खुलाना है या कोई ज़रूरी कागज़ बनवाना है। उन सभी कामो में हम लोग पीछे ही रह जाते हैं। इस समस्या को लेकर गांव के प्रधान राजू कबीर कहते हैं कि उनके गांव में पचास प्रतिशत वोट से भी कम वोट पड़ता है क्योंकि कुछ लोगों का तो नाम है कि बाहर रहते हैं पर बहुत से लोग हैं जो गांव में रहकर भी अपना वोट नहीं दे पा रहे हैं। इसमें जनता से ज़्यादा हम लोगों का ही नुक्सान है पर यह गलती उन लोगो की है जो गांव में बी.एल.ओ. लगाने जाते हैं। इसके लिए मैंने ब्लाॅक स्तर में लिख कर दिया है।
हुसैनपुर कलां बी.एल.ओ. रामकिशोर साहू ने बताया कि हमारी डियूटी वहां बी.एल.ओ. में लगाई गई थी पर पहचान पत्र बनाने का अधिकार नहीं दिया गया। पहचान पत्र बनाने का अधिकार उन्ही बी.एल.ओ. का है जो विधानसभा बी.एल.ओ. में काम कर चुके हैं। वैसे वोट डालने के लिए सोलह विकल्प दिए गए हैं। जैसे बैंक पास बुक, ड्राइवर लाइसेंस, किसी कम्पनी में काम करने कि प्रमाणित फोटोकाॅपी और जाॅब कार्ड तो अगर उनके पास जाॅब कार्ड नहीं है तो मैं ग्राम पंचायत से जारी करा सकता हूं। या फिर वो लोग वोट लिस्ट की फोटोकाॅपी और अपनी फोटो लगा के तहसील स्तर के निर्वाचन कार्यलय में जमा करें उसमें बीस रूपये लगेंगे और पंद्रह दिन में पहचान पत्र आ जाएगा।
बिना पहचान पत्र गांव की करीब आधी आबादी
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