उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड इलाका के बांदा जिला के जनता या समय बिजली न आवैं से बहुतै परेशान हैं। जहां बिजली के सप्लाई है होंआ के जनता कटौती से परेशान है। 24 घण्टा मा या समय 12 घण्टा भी सरकार बिजली नहीं देती आय। जब कि कनेक्शन उपभोक्तन से बिल के वसूली बराबर करत है। या तौ बांदा शहर या कस्बन के समस्या आए। गांवन मा तार अउर खम्भा लगावैं के बाद भी बिजली विभाग सप्लाई देब भूल गा है।
बांदा जिला के लगभग 50 गांव इनतान के हैं जहां के मड़ई बिजली के रोशनी देखैं का तरसत हैं। फतेहगंज क्षेत्र के गोबरी गोडरामपुर, बघोलन, संग्रामपुर, कुरूहूं जइसे कइयो गांवन मा तौ कनेक्शन तक निहाय। देश के आजादी के पहिले से बसे इं गांवन मा 70 प्रतिशत दलित अउर आदिवासी बसे हैं। आखिर बिजली खातिर इं गांवन तक सरकार का ध्यान काहे नहीं जात आय?
बांदा जिला के अधिशासी अभियंता कहिन कि दुई चार गांव इनतान के होइहैं जहां पै बिजली निंहाय। यहिसे या बात साफ पता चलत है कि अधिकारी जमीनी सच्चाई का छुपावत हैं। या तौ उइं ग्रामीण इलाकन का दौरा ही नहीं करैं। अधिकारी या भी कहिन कि होई सकत है कि उंई गांवन मा कउनौ योजना चलाई गे होय अउर बाद मा कउनौ कारन से बन्द होइ गे होय। अगर इनतान के हाल है तौ केहिके जिम्मेदारी है कि गरीबन के खातिर पक्की योजना बनावै जउन कि सरकार के बदले मा न बदलै।
बिजली खातिर हा-हा कार
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