सरकार चैबिस घण्टा बिजली दें के बात करत है, पै बांदा जिला अउर गांवन मा तौ बारह घन्टा भी बिजली नहीं मिलत आय। इनतान के गर्मी मा अगस्त अउर सितम्बर महीना से बांदा के जनता बिजली के कटौती से बहुतै परेशान है। कउनौतान से दिन तौ मड़ई काट लेत हैं, पै रात मा नींद हराम है। रोजै दिन के बारह बजे से चार बजे तक बिजली काटी जात है। रात के आठ बजे कटत है तौ रात के बारह बजे आवत है। फेर दुई बजे रात के कटत है तौ कतौ तीन बजे तौ कतौ चार बजे सुबेरे आवत है । इनतान मा रात के बइठ के गुजारा करंै का परत है।
यतना ज्यादा बिजली के कटौती सरकार काहे करत है? अगर बिजली के कटौती सरकार करत है, तौ वहिका बिजली के बिल मा भी कटौती करै का चाही। काहे से कि बिजली के बिल तौ विभाग वाले हर महीना अउर लगातार भेजत हंै। जनता अगर बिल नहीं जमा करै तौ उनके कनेक्शन काटैं के धमकी विभाग वाले काहे देत हैं? सबसे ज्यादा समस्या तौ गरीब जनता का होत है। काहे से बिना बिजली के पानी के सबसे ज्यादा समस्या आवत है जेहिके बिना पूरा का पूरा काम रूक जात है।
तिन्दवारी ब्लाक के गांव भवानीपुर मा तीन महीना से होंआ के जनता तौ बिना बिजली के रहंै का मजबूर है। तीन महीना से ट्रांसफारमर फंूका परा है। मांग करै के बाद भी बिजली विभाग वाले कउनौ ध्यान नहीं देत है। अगर नेता मं़ित्रन अउर सरकारी अधिकारिन के हेंया का ट्रांसफारमर फंुका होत तौ, का विभाग वाले तीन महीना का समय नवा ट्रांसफारमर धरै मा लगावत?
बिजली न आवंै से सरकारी अधिकारी, नेता, मंत्री अउर अमीर मड़इन का ज्यादा फरक नहीं परत आय। बिजली आवै चाहे नहीं, उनके घर तौ हमेशा रोशनी से जगजगात रहत हैं। उनके घरन मा बिजली वाली बैट्री, इनवार्टर अउर जनरेटर के सुविधा हमेशा रहत है। अगर इनके पास यतनी सुविधा न होय तौ बिजली के कटौती भी यतना ज्यादा न होय।
बिजली कटौती से होइगे नींद हराम
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