एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत के शहरों में एक कम वजन वाला बच्चा, एक अनुसूचित जाति या जनजाति जैसे वंचित समुदाय से संबंधित होने की अधिक संभावना देखी गई हैं. साथ ही यह भी सम्भव है कि इसमें पिता का अनपढ़ होना और घरों में शौचालय का न होना भी शामिल है।
अध्ययन अनुसार, यह देखा गया है कि एक अशिक्षित पिता के पांच साल से कम उम्र के 36% बच्चे, कम वजन वाले होते हैं जबकि पढ़े-लिखे शिक्षित पिता के 16% होते हैं।
वहीँ, सामान्य आबादी में 21% की तुलना में, पांच वर्ष से कम आयु और अनुसूचित जाति/ जनजाति के बच्चों का 32-33% कम वजन का होना भी इस अध्ययन में शामिल है।
साथ ही, शौचालयों के साथ घरों में रहने वाले 26% लड़के और 24% लड़कियों की तुलना में 50.2% लड़के, 44.6% लड़कियां शौचालयों तक अभी तक पहुंच ही नहीं पाए हैं और यह उनके कुपोषित और बीमार होने का सबसे बड़ा कारण बताया गया है। लेख साभार: इंडियास्पेंड