जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं, चोलापुर, हरउआ, गावं मुस्तफाबाद, शंकरपुर, रूस्तमपुर, राजापुर, भोहरे, गोसाईपुर, मोहाव। इ सब गावं में बारिश ना होवे से 500 एकड़ खेती के नुकसान होत हव। ए समय त पन्द्रह दिन से बारिष ना होवे से सूखा पड़ गएल हव।
सीता, रामसिंह, बलिराम, जीउत, बूद्धूराम के कहब हव कि हमने के खेती करे में लगभग 25 हजार लग जाला। जेमन भिण्डी, टमाटर, नेनुआ, मिर्चा, खीरा आउर सूरन के खेती होला। बारिष ना होवे से पूरा खेती बरबाद हो जात हव। ए समय ट्यूबवेल भी बिगड़ल हव। जेकरे पास पम्पिंग सेट हव उ बिजली से सिंचाई के 60 रूपया घण्टा आउर डीजल से 125 रूपिया घण्टा लेला।
इ सब के बारे में इहां के प्रधान राधेष्याम के कहब हव कि ए समय जलस्तर नीचा हो गएल हव। हर साल बारिष कम होए से फसल नुकसान हो जाला। एक डेढ़ बिघा खेत पर दू चार सौ मुआवजा मिलला। जे 25 हजार लगा के खेती करत हव एतना कम मुआवजा के पइसा में ओकर का होई। एतने में त कुछ भी नाहीं हो पावला।
एही हाल गोसाईपुर, राजापुर, भेाहरे के भी हव। इहां के मालती, सुनिता, उषा, हीरावती सन्तोष कुमार समेत कई लोगन के कहब हव कि बारिष ना होवे से खेती के बहुत नुकसान भयल हव। पांच बिस्सा जमीन में बोड़ा, उतयला, जोनरी बोवल हव। लेकिन उ सब घड़रोच खा गएल हव। बारिष ना होवे से खेती सूख जात हव। मषीन के पानी एतना मंहगा हव कि जेकरे पास पइसा रही खाली वही खेती कर पावत हव। जेकरे पास पइसा ना रही ओकर खेत परती पड़ल रह जाई। बिजली रहत त खेती हो जात लेकिन कभी बिजली दस बजे रात के आई त कभी पांच बजे भोर में आई। जब से हमने खेती करत हई तब से हमने के बहुत नुकसान होत हव। हमने के त इ भी नाहीं मालूम हव कि खेती के मुआवजा कहंा से मिलला।
इ सब के बारे में प्रधान पप्पू पाण्डेय के कहब हव कि अइसन कउनों जानकारी गंाव वालन के नाहीं हव कि खेती के नुकसान होवे से मुआवजा भी मिलला।
बारिश ना होवे से सब्जी के होत नुकसान
पिछला लेख