तीन दिन बारिश होने के बाद ही नदी में पानी का स्तर इतना बढ़ जाता है – तब भी इस क्षेत्र में बाढ़ की तबाही को रोकने के लिए पर्याप्त इंतज़्ााम नहीं है। अभी अधिकारी यहां हर साल की तरह पहुंच गए हैं पर धीमी गति से बांध को मज़बूत बनाने की कोशिशें चल रही हैं।
जि़ला बाराबंकी। कुछ दिनों से रायपुर माझा गांव में नदी किनारे अधिकारी कतार से बैठकर पहरा देते दिखाई दे रहे हैं। कारण है घाघरा नदी में पानी का स्तर बढ़ना और क्योंकि रायपुर माझा के पास बांध टूटने की कगार पर है।
गांव को 28 जून को खाली करने के आदेश दे दिए गए थे। यहां रह रहे लगभग तीन सौ परिवारों में कुछ दूसरे गांव अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए और कुछ एक किलोमीटर दूर बांध के किनारे रहने पर मजबूर हैं।
यहां रहने वाले करिया ने बताया ‘हर साल यही होता है। हमें बांध किनारे ही अपना समय काटना होता है। चार पांच दिनों से अधिकारी आ रहे हैं। जैसे यहां तमाशा चल रहा है। अब दिन-रात बारिश हो रही है तो ये लोग बांध बनाने की बात कर रहे हैं,’। एक और निवासी ममता ने कहा, ‘एक तो हम घर से बेघर हो गए, दूसरा अभी खेत में लगी गन्ने की फसल भी बर्बाद होने का डर है। यहां कम से कम तीस परिवार रहने आए हैं पर एक ही हैण्डपम्प है।’