जिला बाराबंकी, ब्लाक हैदरगढ़, गाँव ददौली सरकार जहाँ स्वास्थ्य विभाग पै यतना पैसा खर्च करत बाय का यकै फायदा मनई तक पहुंचत बाय? बाराबंकी जिला कै सोहनलाल पिछले चार साल से बीमार अहैं। इनके बदन माँ दर्द के साथ साथ स्वांस कै बिमारी भी बाय।कइयो सरकारी अस्पताल मा देखावै के बाद भी इनकै हालत नाय सुधरी।जवनसरकारी व्यवस्था पै बड़ा सवाल खड़ा कराथै।
सोहनलाल मरीज कै कहब बाय की चार साल से कमर से लेके मूड़ तक बहुत दर्द रहाथै। पैर से चलि नाय पाइत। भूख प्यास कुछ नाय लागत। खांसी आवाथै तौस्वांस फूलै लागाथै। जाँच मा कुछ बतउते नाय सिर्फ दवा दै दियाथे। हैदरगढ़ मा नौ महीना से दवा चलत बाय। जब तक दवा खाय तब तक आराम रहा थै वक्रे बाद फिर से उहै परेशानी होय जाथै। चार साल मा तीन लाख रुपया लाग लकिन आराम नाय भए।
सोहन लाल कै मेहरारू प्रेमा देवी कै कहब बाय की डाक्टर फल फूल खाय का बतावा थे लकिन स्वांस के वजह से कुछ खाय नाय पउते।अउर पैसा बिना लाय नाय पाइत। पूरी शरीर माँ दर्द हुआ थै।जब सीना माँ दर्द हुआ थै तौ खांसी आवै लागाथै।दिल्ली के मेहरौली अस्पताल माँ भर्ती रहे तौ वहि कैप्सूल दियत रहिन आधा घंटा आराम रहै फिर दर्द शुरू होय जाय तब फिर हैदरगढ़ मा इलाज चलत बाय।
धनपता सोहन कै महतारी कै कहब बाय की मोटर सायकिल पै दुई मनई पकरि के बैठा थे। तब दवा करावे लै जाथे। एम्बुलेंश सिर्फ गर्भवती मेहरारुन के ताई आवाथै।
डाक्टर एम.के. गुप्ता वरिष्ठ सर्जन बताइन कि स्वांस कै बिमारी मरीज कै स्वांस फुलावाथै।अगर कौनो चीज कै इन्फेक्सन हुआ थै तौ बुखार बलगम लइके आवाथै।चार पांच साल कै जवन रोग हुआथै निमोक्लोसिस, फैक्टरी मा जे काम कराथै उनके निमोक्लोसिस रोग हुआ थै। लगातार जांच अउर दवाई हुवय से आराम हुआथै अगर जाँच नाय होय पावत तौ ज्यादा होय जाथै।
रिपोर्टर- फिज़ा
15/02/2017 को प्रकाशित