बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट के गांव मनी का पुरवा के करीब तीन सौ मजदूर दुई साल पहले मनरेगा में काम करे अहैं लकिन यहिके मनई का मजदूरी के नाम पै सिर्फ आश्वासन` ही मिलत बाय।
रामबिलास मजदूर- मनरेगा मा काम करे तीसरा साल शुरू होइगा बाय। चार दिन काम करे रहेन अबही तक वकै पैसा नाय मिला बाय। सुंदरा मजदूर कै कहब बाय कि यतनी धूप मा जाय के खून पसीना बहायन माटी ढ़ोयन पैसा आज तक नाय आवा। देखै का नाय मिला कि ई मनरेगा मजदूरी कै पैसा आय। दुई महीना चार महीना नाय मिला साल भरे मा तौ मिल जात। गुड़िया फगुई पराथै लड़का बच्चा का कपड़ा लै दिये। यही के ताई मजदूरी कीन जाथै। अपने खर्चा के ताई तौ उहौ नाय मिलत। पैसा के ताई प्रधान अउर मेट से बात करेन। सुखमी मजदूर—कईव बार कोशिस करेन कहाथे आये तौ लगाय दियब।साल भर से ऊपर होइगा
प्रधान गोविन्द प्रसाद कै कहब बाय कि कुछ मनई ऐसे अहैं जवन आधार कार्ड आपन देहे अहैं अउर खाता नंबर दूसरे कै तौ जेकरे खाता मा आधार कार्ड लाग रहाथै वही मा पैसा चला जाथै।
रिपोर्टर-नसरीन
28/08/2017 को प्रकाशित