बाबा रामदेव के जीवन पर लिखी गई किताब के बेचने और छापने पर हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।
बता दें कि बाबा रामदेव की तरफ से इस किताब में कई तरह की आपत्तियां दर्ज करवाई गईं थीं। किताब में कथित तौर पर बाबा के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखने का आरोप है।
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस आरके गाबा ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें किताब पर लगी रोक हटाई गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में नोटिस देकर लेखक और पब्लिशर से भी जवाब मांगा है।
शिकायत में बाबा रामदेव ने बताया है कि ‘गॉडमैन टू टायकून’ नाम की इस किताब की विषय वस्तु कथित तौर पर उनके जीवन पर आधारित है, लेकिन इसकी विषय वस्तु अपमानजनक है।
ये पुस्तक पत्रकार प्रियंका पाठक नारायण ने लिखी है। बाबा रामदेव की तरफ से कहा गया है कि इस पुस्तक के माध्यम से उनकी छवि को बिगाड़ने की कोशिश की गई है और कई तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।