जिला वाराणसी। कहीं गाय भैंस पानी में बहत हईन त कहीं इंसान पानी में बहत हयन। इ हव बनारस के अलग अलग गावं आए में आएल बाढ़ के हालत के। जहां जानवर त जानवर इंसान के जिन्दगी भी पानी में बह जात हव।
भगतुआ, व्यासपुर, षिवदषा, लुठा, मिश्रीपुरा, रैमला, ढाबा, ताला, रामपुर, जालहूपुर, अजगरा, बरथौली, ढकवा इ उ सब गावं हव जहां बाढ़ से भारी तबाही मचल हव। इ सब गावं गंगा नदी के किनारे बसल होवे से पुरी तरह बाढ़ के चपेट में हव। इहां के ज्यादातर लोग अपने घर से दूर कहीं दूसरी जगह पर रहत हयन। भगतुआ में बाढ़ आवे से करीब बीस गाय, भैंस, बकरी बह गइलन। जवन कुछ बचल हयन उमें कुछ पानी में बहत हयन त कुछ खाए बिना मरत हयन। भगतुआ में ही पानी में एक चारपाई पर करीब पन्द्रह साल का लइका कही से बहत के आएल रहल। पानी ज्यादा होवे से कोई के भी ओके बचावे के हिम्मत नाहीं भयल आउर उ वहीं पर छटपटा के पानी में डूब के मर गयल। पे्रमधारी, सूरज यादव इन लोगन के कहब हव कि बाढ़ के आवे से हम लोगन के घर गृहस्थी पूरी तरह तबाह हो गयल हव। करीब पचास हजार लोग बाढ़ से पीढि़त हयन। हम लोंगन के खेती से लेकर जानवर तक बह गएल हयन। प्रषासन की तरफ से कोई सुविधा नाहीं हव।
दैविक आपदा के ए.डी.एम. सुषील कुमार श्रीवास्तव के कहब हव कि बाढ़ पीढि़त गावं में 190 नाव भेज देवल गएल हव। बाढ़ पीढि़त लोगन के रहे खातिर के 32 पंचायत भवन आउर स्कूल खाली करवा देवल गएल हव। जेके खाना बनावे के बिल्कुल भी सुविधा नाहीं हव ओके खातिर के खाना के पैकेट भेजल जात हव। कुछ लोग अपने छत पर खाना बना लेवत हयन।
बाढ़ में बहत जिन्दगी
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