जिला बांदा, ब्लाक बडोखर ख़ुर्द, गांव कनवारा हेंया के गांव मा बीमारी फइलै का कारन है के नाली नहीं बनी आय। यहिसे बरसात का पानी नदी मा बहिके जात ह। मड़इन के दुआरे पानी भर गा है। या कारन हरतान के बीमारी से मड़ई अउर जानवर जूझत हैं।
गांव के संतोष कुमार का कहब है कि दुआरे के लगे गन्दा पानी भरा होय के कारन मच्छर ख़ूबै पैदा होत हैं। यहिसे कइयौ लोग मलेरिया के बीमारी से परेशान हैं।
बल्खंडा महाराज का कहब है कि मोरे भैंस का बीमारी होइगे है। यहिसे वा चारा नहीं खात है । अगर भैंस चारा न खई तौ दूध कसत देई। काहे से कि दूध बेंच के अपने घर का खर्चा चलावत हौं।
aसुशीला का कहब है कि कान्दौ होय के कारन मज़बूरी मा वहै कान्दौ से निकरै का परत है। यहिसे बकरी के गोड मा कीरा परगे है।
सुमित मिश्र का कहब है कि गलाघोंटू होय के कारन एक पड़िया मर गे है। मिथलेश दीक्षित का कहब है कि मोरे तीन बकरी अउर एक भैंस गलाघोंटू के कारन मर गे है । यहिकर दूसर कारन है कि लोग कूड़ा अउर गोबर गांव के भीतर ही डाल लेत है।
आशा कार्यकर्ता मीरा का कहब है कि लोगन का दस्त से बचावै खातिर ओ आर एस का घोल पिलावा जा रहा है। मौसमी बुखार है। ए. एन.एम. सरिता का कहब है कि अब स्थिति सही है। बुखार, उलटी के शिकायत रही है। लोगन का दवाई दीन गे है। सामुदायिक क स्वास्थ्य केंद्र से डाक्टर के टीम आई रहै।
16/07/2016 को प्रकाशित
बाढ़ के बाद फैली बीमारी
बाँदा के कनवारा गाँव में लोग बीमार, जानवर पस्त