बनारस जिला में 25 जुलाई 2013 के बाढ़ अइले से केतना नुकसान भयल केतना लोग घर से बेघर हो गइलन। लगभग पचासो घर डूब गएल हव। पैगम्बरपुर, कोनिया, नक्खा घाट, पुल कोहना, जाल्हूपुर, अमरनाथपुर इ सब गावं डूब गयल हव। गावं के डूब जाए से लोग जाके दूसरे के घरे किराए पर रहत हयन। अब पानी त कम होत हव लेकिन इ बाढ़ में गरीब लोगन के त सब कुछ बह गएल। अब ओन लोग के फिर से आपन रोजी रोटी शुरू करे में ना जाने केतना समय लग सकला। पानी कम भइले के बाद से तमाम तरह के बीमारी भी फइलत हव। जहाँ जहाँ बाढ़ के पानी फइलल रहल गन्दगी भी वहां तक फइलल हव। वरूणा के कई मुहल्लें में तो बुखार आउर चर्म रोग आउर खुजली बहुत तेजी से फइलत हव। 24 घण्टा में करीब 250 मजदूर के दवाई दियल गएल। बाढ़ पीढि़त महिला, बच्चा, बुजुर्ग सब के भूख प्यास से व्याकुल होत हयन। उ सब खाना आउर दवाई के आसरा देखत हयन लेकिन चिकित्सक वहां नाहीं जात हयन।
प्रषासन के तरफ से कउनों सुविधा नाहीं हव जबकि बाढ़ से परेषान लोग खातिर के पहिले से योजना बनल रहला। आखिर सरकार कब बाढ़ पीढि़त के मदद करी। अभहीं त मानसून चलत हव अभहीं इ हाल हव त आगे का हाल होई। आखिर सरकार के तरफ से कब कउनो ठोस कदम उठी।
बाढ़ कम लेकिन मुसीबत बढ़ल
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