जिला बांदा। राजस्थान से आई परिवार समेत मीराबाई बताती हैं कि वह बांदा में आकर मूर्ति बनाने का काम लगभग एक महीने से कर रही हैं। अपने इस हुनर के बल पर अपना परिवार चलाती हैं। ये उनका पुष्तैनी काम है। उनके पति पना और भाई दडिग इन मूर्तियों को बेचते हैं।
सुबह चार बजे से काम शुरू होता है। पति मूर्ति बनाते हैं और मीरा रंगाई का काम करती हैं। भगवानों और पषु पक्षी की मूर्तियां बनाई जाती हैं। इनका ये काम अब बांदा में राजस्थान की कला लाएगा।
बांदा में राजस्थान की कला
पिछला लेख