बदलते मौसम में डायरिया की बीमारी बांदा में फैली है। लगभग हर घर में डायरिया के मरीज़ हैं। अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की भरमार है। जिला अस्पताल बांदा में 22 जुलाई 2013 को 20 मरीज, 23 जुलाई को 26 मरीज और 24 को दोपहर तक 16 मरीज आये हैं।
जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव कुलसारी, मजरा महुई और धोबिन पुरवा। स्वास्थ्य विभाग के अपर सी.एम.ओ. ने कहा कि स्वास्थ्य टीम ने गांव में ही एक सौ साठ मरीजों की जांच करके इलाज किया है। प्रधान गंगादीन बताते हैं कि मुन्नुलाल के लड़का सुधीर अउर रामकृपाल का लड़का अनुज की मौत डायरिया की बीमारी से हो चुकी है।
जिला बंादा, ब्लाक बिसण्डा, गांव ओरन। यहां के शिवमंगल बताते हंै कि सबसे पहले बड़ी बेटी को डायरिया हुआ। उसके तुरन्त बाद छोटू, लाल कुमार, रोशनी, दीपिका और इनकी मां सखिया को लगातार यह बीमारी हो गई। 24 जुलाई 2013 से जिला अस्पताल बांदा में इलाज चल रहा है।
जिले के ब्लाक तिन्दवारी, गांव भुजरख में भी केस सामने आ रहे हैं।
सी.एम.ओ. डाक्टर आर.के. सिंह ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डाक्टरों की टीम सूचना मिलने पर उस स्थान पर पहुंचेगी और मरीजों का इलाज करेगी। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के कुओं में ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है। जिला अस्पताल भरा होने की समस्या पर कहा कि डायरिया पीडि़त मरीज़ ज़्यादा देर तक अस्पताल में नहीं रुकते। इससे एक-एक करके सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
बांदा में फैला डायरिया
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