बांदा जिला के ढ़ोलबजा गांव मा एक महीना से जानवरन का गलाघोंटू के बीमारी फइली है। जेहिमा अबै तक बीस जानवरन के मउत होइ चुकी हैं। यहिमा से कुछौ जानवर दूध दे वालै अउर कुछौ जानवर के बच्चा रहैं। मड़इन का कहब है कि हम कइयौ दरकी यहिकर सूचना दीने हन, पै अबै तक कउनौ अधिकारी अउर डाक्टर सूचना दे के बाद भी नहीं आयें आहीं। जानवरन का इलाज न होई तौ आगे भी बीमारी बढ़ सकत है।
दादूभाई का कहब है कि हमार गांव मा कम से कम बीस जानवरन के मउत होइगें हैं। रामसरन बताइस कि जानवर खात हैं अउर पानी पियत हैं, फेर गलाघोंटू के बीमारी से मर जात हैं, अबै तक आठ दस जानवर मर गें हैं। रामरुदन का कहब है कि जानवरन के गला मा सूजन होइ जात है फेर लार निकालत है अउर मर जात हैं। आषाढ़ के महीना मा कउनौ डाक्टर टीकाकरण करै नहीं आये आहीं। प्रधान भी कुछौ सुनवाई नहीं करत आय। भारत बताइस कि जबै डाक्टर आ के दवाई करिहैं, तबै जानवरन के मर्ज खतम होई। केशकली बताइस कि जबै जानवर बीमार होत हवैं तौ प्राइवेट डाक्टर से दवाई कराइत है। सरकारी डाक्टर कत्तौ टीकाकरण करै नहीं आवत आहीं। पशु अस्पताल के कार्ड सेस्ट राजेश गुप्ता का कहब है कि गांव जा के पता करे हन चारा खायें से जानवर मरत हैं। वहिके बचावै का तरीका मड़इन का बताये हन। पशु अस्पताल मा एक महीना से गलाघोंटू बीमारी के दवाई नहीं आय, वहिके मांग कीन गें है।
रिपोर्टर- गीता देवी