बांदा जिला मा हत्या के ऊपर हत्या होत जात है, पै पुलिस प्रशासन इं हत्या के मामलन का रोक पावैं मा कामयाब होत नजर नहीं आवत आय। शानू हत्या कांड, शब्बीर हत्या कांड के दर्द के टीस कम नहीं भे रहै कि राहुल के हत्या का मामला 29 जून 2013 का सउहें आ गा। लगातार हत्या के मामला से हेंया के मड़ई डेर से सहम गे हैं।
29 जून 2013 का खाईपार मोहल्ला के सैकड़न मड़ई बीस साल के राहुल के लाश का बाबूलाल चैहारे मा धई के अलीगंज चैकी का धेराव अउर चक्का जाम करिन। पुलिस दल के साथै मौके मा पहुंचे पुलिस अधिकारी सिटी सी.ओ आशुतोष शुक्ला अउर एस.ओ. कारवाही का भरोसा दइके बहुतै मशक्कत के बाद जाम खोलवाइन। राहुल जमादार का मारै वाले कुम्हार जाति के आय। राहुल का परिवार राहुल के मउत मा दहाड़ै मार-मार के रोवत हैं। राहुल के महतारी सीता अउर बहनी सन्नो के मुंह से सदमा के मारे आवाज ही नहीं निकरत रहै। बहुतै मुश्किल से बता पाइन कि नवल कुम्हार दारू पी के 26 जून 2013 का हमरे घरै आ के गाली गलौज करैं लाग। मामला बचावैं खातिर हम वहिका घर से भगावत रहन तौ नवल का भाई बबलू, नागेन्द्र अउर पवन भी आ गे। इं सबै जन मिलके राहुल का बहुतै मारिन। हालत ज्यादा खराब होय मा सीधे कानपुर लई गयेन। होंआ राहुल के मउत होई गे। तबै हम 28 जून 2013 का कोतवाली मा रपट लिखावा। पै कउनौ कारवाही नहीं भे तबै हम जाम लगा के कारवाही के मांग करित है। नियाव के बाद ही जाम खुली।
राहुल के साथै मारपीट करैं वाले बबलू के लहुरी माला बताइस कि राहुल हन के कउनौ गलती निहाय। मोर देवर पवन दारू पी के आवा अउर राहुल का गाली गलौज करैं लाग। मना करैं मा मारपीट भी करिन। यही मारे आज राहुल दुनिया मा निहाय।
बांदा जिला बना हत्या का गढ़
पिछला लेख