बांदा जिले के कटरा कालिंजर मा मिड दे मील बनावै वाली रसोइयन के अ बढ़ गे है, काहे से एक दिन का मानदेय तेतीस रुपिया है अउर वा भी पांच महीना से नहीं मिला आय।
पुत्तु बाई का कहब है कि वेतन न मिले से नून, तेल, लकड़ी का बइठ रहित है, काहे से हमरे लगे खेती आय न दूसर कउनौ रोजगार। कत्तौ पांच तौ कत्तौ तीन महीना मा वेतन मिलत है, कर्जा लइके काम चलाइत है। एक हजार मा पूर नहीं पड़त आय। मजदूरन का ढाई सौ मिलत है सरकार चाहे तौ हमें भी डेढ़ सौ के हिसाब से दइ सकत है। हम हिंया दिनभर काम करित है, सबके वेतन बढ़त है पै हमार वेतन नहीं बढ़त आय। माया बताइस कि तेतीस रुपिया रोज के हिसाब से मिलत है, वहिमा नींकतान सब्जी तक नहीं खरीद पाइत आय।
हेडमास्टर रामबाबू का कहब है कि प्रभारी से मानदेय खातिर कहा गा है।
बेसिक शिक्षा विभाग के कम्पूटर आपरेटर का कहब है कि रसोइयन का आठ महीना का मानदेय भेज दीन गा है, दुई महीना का बाकी है।
रिपोर्टर- गीता देवी