जिला बांदा, गांव ओरन। ओरन गांव के निवासी राजकरन की तीस साल की पत्नी फूलकुमारी की मौत अस्पताल की गैर ज़िम्मेदारी के कारण 3 नवम्बर को हो गई । परिवार वालों ने बांदा जिला चिकित्सालय की नर्सों द्वारा इलाज के लिए दस हजार रुपये मांगने की बात कही और बिना पैसे मरीज का इलाज शुरु नहीं करने के कारण फूलकुमारी की अस्पताल में मौत हो गई।
राजकरन की पत्नी फूलकुमारी को 3 नम्बर को रात 8 बजे प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद घरवाले उसे पास के प्राथामिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। वहां से उसे इलाज के लिए बांदा जिला चिकित्सालय ले जाने को कहा गया। परिवार वालों ने जिला अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की पर उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली। फूलकुमारी को सार्वजनिक बस से तीन घंटे का सफर करके जिला अस्पताल ले जाया गया। जिला अस्पताल में नर्सों ने राजकरन से दस हजार रुपये की मांग की पर वह पांच हजार रुपये ही दे पाया। पूरे पैसे नहीं दे पाने कारण नर्सों ने फूलवती का इलाज नहीं किया, जिसके कारण नवजात का सिर बाहर निकल आया और नवजात और गर्भवती की मौत हो गई।
इस घटना से बुरी तरह से आहत हुए राजकरन का कहना हैं, “मैं अपनी बीबी के इलाज के पैसों के लिए मारा-मारा घूमा। आधे पैसे जुटा पाया था,पर आधे पैसे नहीं दे पाने के कारण मेरी पत्नी को मर दिया गया।”
इस घटना पर बांदा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जी.एस वाजपेई ने गर्भवती के गर्भ में ही बच्चा मर जाने की बात कही। उन्होंने गर्भवती को सेप्टिसेमिया से पीड़ित होने की बात कही। नर्सों के खिलाफ कार्रवाही पर उन्होंने कहा, “अभी परिवार की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कोई शिकायत आती है, तो हम जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाही करेंगे।”
रिपोर्टर- मीरा देवी और कविता
09/11/2016 को प्रकाशित