जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव महुआ 14 अगस्त का पुल टूटै के कारन रोज का हजारन यात्री आवै जाये का परेशान है। कहा जात है कि या सौ साल पुराना पुल है। या पुल से बांदा अउर इलाहाबाद के साधन आवत जात हैं।
नरेन्द्र द्विवेदी का कहब है कि पहले से पुल बनावै के तैयारी चलत रहै। दुई महीना से पुल बनावै खातिर कहा जात रहै कि जल्दी पुल बनवा दीन जई। पुल के टूटै का कारन से यात्रिन का कर्वी अउर इलाहाबाद जाये खातिर बहुतै किराया भाड़ा लाग जात है। दूसर बात एक घंटा के जघा दुई घंटा लागत है। या कारन से समय के बर्बादी भी होत है। पी. डब्लू. डी. विभाग वालेन का पता रहै कि अबै पुल नहीं बन सकत है। काहे से कि बरसात आवै वाली है। आखिर का सोंच के विभाग वाले पुल का तोड़वा दिहिन रहै। उंई का जानै हरतान से आम जनता का परेशानी से गुजरै का परत है।
यहिनतान गांव के एक मड़ई का कहब है कि पुल जल्दी बन जाये नहीं तौ हमार निकरब लोहा के चना चबाये जइसे के समस्या बनी है। यहिसे लोगन का रुपिया के बर्बादी होत है। इनतान के महंगाई मा लोगन का पेट भरब मुश्किल है। सरकार अउर विभाग वालेन से इनतान के समस्या से कउनौ मतलब निहाय।
पी. डब्लू.डी विभाग के अधिशाषी अभियंता पी. के. जैन का कहब है कि महुआ का पुल बहुतै जर्जर अउर पुरान होइगा रहैै। पुल बनवावै खातिर सरकार के लगे प्रस्ताव बना के भेजा गा रहैै। या कारन से पुल बनवावैं खातिर पास होइगा रहै। यहिसे या सोंच के वा पुल का तोड़वा दीन गा रहै कि यहिमा कत्तौ कउनौ घटना ना होई जाये। अगर कउनौ घटना घट जात तबै भी मड़ई यहिनतान कहत कि विभाग वाले कउनौ ध्यान नहीं दिहिन हैं। अबै बरसात का समय चलत है। यहिसे कउनौ काम भी नहीं होई सकत है।जइसेन बरसात ख़तम होई जई तौ तुरतै पुल बनवावैं का काम शुरू करा दीन जई। मोहिका तौ खुदै पुल बनवावैं के चिंता लाग है।
नरेन्द्र द्विवेदी का कहब है कि पहले से पुल बनावै के तैयारी चलत रहै। दुई महीना से पुल बनावै खातिर कहा जात रहै कि जल्दी पुल बनवा दीन जई। पुल के टूटै का कारन से यात्रिन का कर्वी अउर इलाहाबाद जाये खातिर बहुतै किराया भाड़ा लाग जात है। दूसर बात एक घंटा के जघा दुई घंटा लागत है। या कारन से समय के बर्बादी भी होत है। पी. डब्लू. डी. विभाग वालेन का पता रहै कि अबै पुल नहीं बन सकत है। काहे से कि बरसात आवै वाली है। आखिर का सोंच के विभाग वाले पुल का तोड़वा दिहिन रहै। उंई का जानै हरतान से आम जनता का परेशानी से गुजरै का परत है।
यहिनतान गांव के एक मड़ई का कहब है कि पुल जल्दी बन जाये नहीं तौ हमार निकरब लोहा के चना चबाये जइसे के समस्या बनी है। यहिसे लोगन का रुपिया के बर्बादी होत है। इनतान के महंगाई मा लोगन का पेट भरब मुश्किल है। सरकार अउर विभाग वालेन से इनतान के समस्या से कउनौ मतलब निहाय।
पी. डब्लू.डी विभाग के अधिशाषी अभियंता पी. के. जैन का कहब है कि महुआ का पुल बहुतै जर्जर अउर पुरान होइगा रहैै। पुल बनवावै खातिर सरकार के लगे प्रस्ताव बना के भेजा गा रहैै। या कारन से पुल बनवावैं खातिर पास होइगा रहै। यहिसे या सोंच के वा पुल का तोड़वा दीन गा रहै कि यहिमा कत्तौ कउनौ घटना ना होई जाये। अगर कउनौ घटना घट जात तबै भी मड़ई यहिनतान कहत कि विभाग वाले कउनौ ध्यान नहीं दिहिन हैं। अबै बरसात का समय चलत है। यहिसे कउनौ काम भी नहीं होई सकत है।जइसेन बरसात ख़तम होई जई तौ तुरतै पुल बनवावैं का काम शुरू करा दीन जई। मोहिका तौ खुदै पुल बनवावैं के चिंता लाग है।
रिपोर्टर- श्यामकली और कविता
19/08/2016 को प्रकाशित
बाँदा के महुआ ब्लॉक के महुआ गांव के पास सौ साल पुराना लोहिया पुल तोड़ दिया गया है